हमारे भारत की एक बहुचर्चित कहावत है ,- आँख के अंधे और नाम नयनसुख
याद दिलाने से तात्पर्य ऐसा था की आज के ईकॉमर्स के मायाजाल में ग्राहक लागत मूल्य कम करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है ,उनकी दशा उस बिल्ली के बच्चे की तरह है ।जो खतरे से अवगत होने के बाद भी जबरन आँख बंद कर दूध पीना चाहता है और जानबूझ कर स्वयं पर होनेवाले प्रहार को अनदेखा करना चाहता है ।
ईकॉमर्स साइट अपनी अपेक्षित राशि लेकर किसी को भी सुल्तान बना देते है । वे अपना स्वार्थ तो साध लेते है। किन्तु उनपर विश्वास करनेवाले ग्राहकों के साथ क्या क्या हो जाता है वो इसे जानते नहीं या फिर जानना ही नहीं चाहते । फलस्वरूप उनकी लालच और अति महत्वाकांक्षा से उनके ग्राहक की उनके द्वारा अप्रत्याषिक ठगी हो जाती है । जिसमे सदैव दोषी ग्राहक और ग्राहक को ही बताया जाता है । आज के व्यस्त जीवन में ग्राहक कुछ वास्तविक औपचारिकताएं नहीं निभा पाते और ठगी का शिकार हो जाते है । वो बाहुबली और कटप्पा में फर्क नहीं कर पाता है ।
उपरोक्त प्रस्तुतीकरण हर व्यापर पर लागु होता है किन्तु आपसे हम व्यापारिक मार्ग परिवहन व्यापर के बारे में या ट्रांसपोर्टेशन सर्विस के बारे में चर्चा करते है ।आप में से कोई किसी कंपनी में लोगिस्टिक ,परचेस ,रीजनल ,जनरल ,प्रोजेक्ट मैनेजर हो सकता है या कोई मालिक भी हो सकता है । बहरहाल स्थितियाँ सभी के लिए एक जैसी है, काम ठीक हुआ तो ठीक अन्यथा हर कोई एक दूसरे पर दोषारोपण करते है ।
हर सुविधा के साथ दुविधा है ।आइये एक अच्छे परिवहन व्यापारी या संस्था को कैसे परखा जाये इसपर प्रकाश डालते है –
१) आपको जो सुविधा लेनी हो उसकी जानकारी (निविदा)आप २ राज्यस्तरीय और २ राष्ट्रस्तरीय संस्थाओ को दे । ज्यादा लोगो को देने से आपका काम अपने आप महंगा और घटिया होगा । कदाचित आप की ही तरह बाजार में हर कोई शायद धन कमाने ही बैठा होगा ।
२) आपके पास आनेवाले प्रतिनिधि या प्रस्ताव कितने और किन किन माध्यमों से आते है इसका संज्ञान लीजिये ।
३) आपसे मिलनेवाले या चर्चा में रहनेवाले व्यक्ति का व्यक्तित्व ,अनुभव और ज्ञान भी विशेष महत्वपूर्ण है उसे हर प्रकार से परखना आपका महारथ है ।
४) सामनेवाली संस्था की योग्यता ,प्राचीनता ,विस्तार ,व्यापर ,अनुभव ,भावी प्रकल्प ,भूतपूर्व कार्य ,दक्षता प्रमुख ,व्यापारिक ख्याति ,वाहनों की जानकारी , ऑनलाइन -ऑफलाइन प्रेजेंटेशन ,कोटशन प्रारूप , पिछले कार्यो के चित्र और चलचित्रो के जानकारियों की विशेष मांग और यथोचित परिक्षण भी कीजिये .
५) व्यापर करनेवाले प्रतिनिधि से प्रमुखतः निम्नलिखित प्रश्न जरूर पूछे –
- भारत में कितने गाँव है ?
- भारत में कितने जिले (जनपद) है ?
- भारत में कितने राज्य है ?
- भारत में कितने राष्ट्र है ?
- भारत में कितने ग्राम है ?
- आपने अब तक कितने डाक पिनकोड पर माल पहुंचाया है ?
- आपका व्यापर किस विभाग या श्रेणी में आता है ?
- आपके प्रमुख ग्राहक कौनसे है ?
- भारत की पंद्रह बड़ी नामी कंपनियां और उद्योग घराने कौनसी है ?
- आपकी भावी व्यापारिक योजनाए क्या है ?
- वर्त्तमान में किन देशो में आपकी कितनी सक्रिय शाखाये है ?
- राष्ट्र में कितने प्रकार के परिवहन साधन या व्यापर है ?
- आप किसमे दक्ष हो ?
- पिछले दशक में आपके व्यापर में किस सेवा में अधिक विकास हुआ ?
- आपने क्या विकास किया ?
- वर्त्तमान में परिवहन व्यापर की स्थिति और भविष्य क्या है ?
- समस्याएं क्या -क्या है ?
- इस महीने आपके कितने नए ग्राहक है ?
- आजके तेल के भाव अपने शहर में क्या है ?
- वर्त्तमान में आपके व्यापर में सबसे बड़ा यक्षप्रश्न क्या है ?
- इसमें आपके मत और से सुधार के क्या आसार है ?
- परिवाहक वाहनों में विगत दशक की अपेक्षा क्या -क्या सुधार हुए है ?
- आपके २ अच्छे -२ बुरे प्रतिद्वंदी कौनसे है ?
हमारा स्वमत है की यदि उपरोक्त प्रश्नो में से आपके समक्ष व्यक्ति ने ३ प्रश्नो के भी उत्तर संतोषजनक दिए तो कदाचित वह आपका कार्य करने में सक्षम हो ।
उपरोक्त कथन किसी प्रकार का ज्ञान अथवा शक्ति प्रदर्शन नहीं था ।सारांश केवल आपके कार्य को सरल सुगम व व्यवस्थित बनाने का और अच्छे अपेक्षित निष्कर्ष तक पहुचाने का छोटा सा प्रयास था ।आपकी सुरक्षा की जिमेदारी केवल आपकी और आपकी ही है .आपसे हमारा नम्र निवेदन है , दरमूल्य की अनपेक्षित कमी हेतु आप स्वयं – स्वयं से धोखा न कर बैठे और आपको भारी नुकसान का सामना करना पड़े ।आख़िरकार किसी ने सत्य ही कहा है की प्रत्यक्ष प्रमाण का दास नहीं होता है ।