Credit Meaning in Hindi
माननीय श्रेष्ठ श्रेष्ठि गण भारत सदा हे गरिमामय श्रेष्ठ राष्ट्र रहा है , हमारी विद्वत्ता का सदा ही संसार ने लोहा माना है ,हमारी संस्कृति में ऋण उधार लेना गलिच्छ और निंदनीय कार्य माना जाता रहा है । किन्तु पाश्चात्यता के दुष्प्रभाव में उधारवाद ने उदारवाद का ऐनक पहन लिया ।जिसकी आड़ में पूंजीवादी विदेशी कम्पनिया क़ानूनी देव पेचो से छोटी देसी कंपनियों से गबन करती है । जिसके दुष्परिणाम स्वरुप आज हर देसी कम्पनिया या व्यापारिक संसथान दयनीय अथवा बिकने के स्तर तक पहुंच गए है । उधारवाद ने लोगो की मानसिकता को क्षीण कर उनको उस बिल्ली के बच्चे जैसा बना दिया है जो आँख बंद कर दूध पीता है ,ये जानते हुए किसी भी क्षण हमपर दण्डप्रहार पड़ सकता है
उधारवाद लागत मूल्य बढ़ने का सबसे प्रमुख कारन है जिसे लोग जानबूझ कर अनदेखा करते है ।आज इसके चलते हर प्रकल्प १० से २० % महंगे लागत मूल्य पर खड़े होते है जिनसे इनके सफलता से अधिक विफलता के अनुपात बढ़ जाते है ।
आपका स्वनिरीक्षण ही आप हेतु अतिशयोक्ति सिद्ध होता है की आप मांगीलाल बनने में खुश है या देवीलाल ।
निचे कुछ तथ्य है जो उधारी के इच्छुक ग्राहकों को देने होंगे –
ग्राहक संस्था की पूरी प्रथिमिकी जानकारी और व्यापारी और व्यापर की विस्तृत जानकारी हो ।
कंपनी के मालिकों के संपर्क ,ईमेल और निवास के पते के सारे कागज जमा हो ।
कंपनी का विगत कार्यकाल १० वर्षो का होना ही चाहिए ।
कंपनी के पास ४ अच्छे ट्रांसपोर्टरों का आश्रय आशय पत्र होना चाहिए ।
कंपनी से चार स्व क्षेत्रीय व्यापारियों से लिखित प्रत्याभूतिपत्र व हस्ताक्षरित धनादेश देने होंगे ।
प्रतिदिन ५ गाड़ियों से अधिक कार्य कंपनी के पास होना चाहिए ।
प्रतिमास प्रतिकारख़ाने से ६० लाख का काम देना ही होगा ।
जितने की क्रेडिट चाहिए उससे दस गुने ज्यादा की बैंक गैरंटी देना आवश्यक है . उदा जिसका ६० लाख महीने का काम है उसे ६ करोड़ की बैंक गैरंटी देनी होगी ।
लोडिंग साइट से माल लोड होने के ३० दिन के अंदर भुगतान करना अनिवार्य है . तदोपरांत भुगतान राशि पर ५% चक्रवृद्धि ब्याज देना ही होगा ।
प्रति तिमाही पिछली तिमाही का पूरा भुगतान करना अत्यावश्यक है ।
समय पर भुगतान न होने पर प्रतिमास बकाया राशि पर ५% ब्याज के साथ रकम जमा करनी होगी ।
भुगतान व किसी प्रकार की धांधली में कंपनी का माल गोदाम में उतारा जायेगा ,और ग्राहक को सारे खर्चे को देकर माल गोदाम से अपनी व्यवस्था से वापिस ले जाना होगा ।
हर माल का बीमा करना अनिवार्य है ।
किसी भी प्रकार की हानि की जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी
किसी भी प्रकार का डेबिट हमारी ओर स्वीकारा नहीं जायेगा ।
निर्यात होनेवाले मालो में माल के साथ वाहन का भी बीमा कराना ग्राहकों को अनिवार्य है ।
द्रुत गति अभिव्यक्त कार्यरत वाहनों का दुगना भुगतान अनिवार्य है ।
क्षति ग्रस्त अवस्था में हर प्रकार के खर्च के भुगतान की जिम्मेदारी ग्राहक की ही होगी ।
हमारी योग्यता से अधिक आपका योगदान महत्वपूर्ण है । आपका सामायिक भुगतान और सहयोग आपके कार्य की दक्षता ,सुरक्षा ,आपसी विश्वास को बढ़ाता है ,जो भावी समय में हमारी आपकी सफलता में नींव का पत्थर प्रतीत होता है ।